सपने मेरे हैं मैंने अपने हिसाब से सपनों को बुना है

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 सपने टूटते नजर आ रहा है और मैं यह सोच कर और भी दुखी महशुस कर रहा हूँ, याद करके आँख में आशु आ जा रहा है पर क्या करूँ सपनों को बुना तो मैं ही हूँ। सपने मेरे हैं मैंने अपने हिसाब से सपनों को बुना है शायद यही वजह है की सपने अब एक एक करके टूटने की पडाव में है। 


मैं एक पल में खुश और दुसरे ही पल में दुखी महशुस कर रहा हूँ हूँ पता नही मुझे क्या हुआ है या हो रहा है पर समझ तो आ रहा है की ए जो भी हो रहा है उसकी वजह मेरे बुने सपने हैं जिसे मैं कल के लिए बुना था और उन सपनों के साथ जीने के बारे में सोछ रहा था। 

सच कहूँ तो यह सोच कर मेरा मन बैठे जा रहा है की मेरा आने वाला कल कैसा होगा हम साथ रहेंगे या नही। आपको क्या लगता है मैं किस बारे में बात कर रहा हूँ । 

ए मेरी कहानी है मेरा हालात है जिससे मैं गुजर रहा हूँ । कोई अच्छा लगने लगे और जिनके साथ जिन्दगी गुजारने के बारे में सोचे हो सब कुछ अच्छा चलता जा रहा हो पर अचानक एक मोड़ आ जाए और आपको पता चले की आपको अपनी पसंद को छोड़ कर घर वालों के पसंद को स्वीकार करना होगा तो क्या करेंगे। 


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