तामड़ा घुमर से जुड़ी मेरी कई खूबसूरत यादें हैं। वहाँ की ताजी हवा, झरने का निर्मल पानी, पत्थरों की अनूठी संरचना और दिल को छू लेने वाले नज़ारे सबसे मेरा एक गहरा रिश्ता है। यह रिश्ता शायद इसलिए भी खास है क्योंकि इन सबके बीच बिताए गए पल जद्दोजहद के बाद की सुकून भरी जीत जैसे लगते हैं। हर एक पल मेरे लिए बेशकीमती है, लेकिन उस दिन का सबसे खूबसूरत लम्हा था मेद्ररी घुमर जलप्रपात का। मैं उस पल को बार-बार जीना चाहता हूँ, लेकिन सिर्फ उसके साथ। हमने तामड़ा घुमर में काफी समय बिताया। फिर, घर लौटने से पहले हमने मेद्ररी घुमर जलप्रपात जाने का फैसला किया, जो हमारे रास्ते में ही था। जलप्रपात के बारे में मैंने पहले भी सुना था और तस्वीरों में देखा था, लेकिन अपनी आँखों से उसे देखना किसी जन्नत से कम नहीं था। ऐसा लगता था जैसे धरती का कोई रहस्य खुल रहा हो एक गहरी दरार से बहता पानी जो अपनी कहानी खुद कह रहा हो।
काश मेन्द्री घुमर की वो खुबसुरत शाम लौट आता
November 26, 2024
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करीब 4 बजे हम मेद्ररी घुमर जलप्रपात पहुँचे। उसने मुझे एक खास छोर की तरफ ले गई, जहाँ से नज़ारा और भी खूबसूरत दिखता था। वैसे जिधर हम दोनों गये थे इस जगह के बारे में कम ही लोग जानते हैं, इसलिए वहाँ भीड़ नहीं थी। जैसे ही हमने उस छोर से झरने को देखा, शाम का माहौल और ठंडी हवा ने नज़ारे को और भी जादुई बना दिया। सारा थकान जैसे वहीं के वहीं मिट गया।
वहाँ एक बड़ा सा पत्थर था, जिस पर हम दोनों बैठ गए। झरने की गूंज और ठंडी फुहारों के बीच हमने कुछ खाने का सामान निकाला और साथ बैठकर खाने लगे। तभी उसने अपने बैग से वो चॉकलेट निकाली, जो मैंने उसे पहली बार बस स्टैंड पर दी थी। और कुछ चॉकलेट्स, जो हमने दंतेवाड़ा से सात धार जाते समय खरीदी थीं। इन छोटी-छोटी चीज़ों ने उस पल को और भी खास बना दिया। सच कहूँ तो, वह लम्हा मेरी ज़िंदगी के सबसे खूबसूरत पलों में से एक है। शांत जगह पर बैठकर प्रकृति को महसूस करना मुझे हमेशा पसंद रहा है। उस झरने ने मुझे मेरे पुराने दिन याद दिला दिए, जब मैं अक्सर उदासी में नदी किनारे पहाड़ों के पत्थरों पर बैठा करता था। लेकिन इस बार वह अकेलापन नहीं था मैं उसके साथ था और वह अनुभव और भी खास बन गया।हम दोनों वहाँ देर तक बैठे रहे, बातें कीं, और नज़ारे का आनंद लिया। जब शाम ढलने लगी, तो हमने घर लौटने का फैसला किया। करीब 7 बजे हम घर पहुँचे। मैंने उसे उसके घर जाने वाले रास्ते पर छोड़ा। उसके भाई उसे लेने आए थे, और वह मुस्कुराते हुए चली गई। मैं अपने कमरे लौट आया, लेकिन दिल और दिमाग अब भी वहीं मेद्ररी घुमर के झरने के पास अटका हुआ था। यह हमारा पहला लंबा सफर था, जो हमेशा मेरे दिल के करीब रहेगा। उसकी मौजूदगी ने इस यात्रा को प्यार और खूबसूरती से भर दिया।