सातधार से वापसी एक खूबसूरत जगह पर ( आठवाँ पन्ना )

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 हम लोग सातधार से वापस आने के लिए निकल गये क्यूंकि हमें रास्ते में आने वाली एक और जगह पर रुक कर खूबसूरती का लुफ्त उठाना था। हम जिस रास्ते से गये थे उसी रास्ते से वापस आने लगे। वही टेड़ी-मेडी सड़क, पहाड़, खूबसूरत नजारे मन को खीच रहा था। मुझे जगह का नाम तो याद नही है पर जब हम वापस आ रहे थे तब घने जंगल के बीचों-बीच एक छोटी सी नदी थी। जहाँ हम कुछ देर के लिए रुके थे। हमारे चारों तरफ खूबसूरत नजारा था।


नदी में ज्यादा पानी तो नही थी पर नदी के दोनों तरफ ही खूबसूरत नजारा था। हम दोनों अपना-अपना मोबाइल निकलकर खूबसूरती को कैद करने में लग गये। जब मैं कॉलेज कर रहा था तब दीदी भैय्या लोगों के साथ नवरात्रि के समय हम लोग दंतेवाडा गये थे तब वापसी के समय हम लोग इसी जगह पर कुछ देर के लिए रुके थे। इस लिए मुझे इस जगह के बारे में पता था, कुछ देर रुकने के बाद हम लोग वहा से निकल गये। 
  
क्यूंकि हमें एक जलप्रपात देखने के लिए जाना था। सफर खूबसूरत था, क्यूंकि हम घने जंगल से गुजर रहे थे और वह रास्ते के खूबसूरत जगहों के बारे में बताये जा रही थी। क्यूंकि उस रास्ते से ही वह घर से दंतेवाडा अक्सर जाती थी, रास्ते में हमें खूबसूरत घर बने दिखे जैसे मैं सोचता हूँ। मुझे घने जंगल के बीच घर बहुत पसंद है, मानता हूँ ऐसी जगहों पर जीना बहुत मुश्किल है पर मुझे ऐसे जगह पसंद है। 

शेष अगले भाग पर...

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