आँसू वही हैं... बस वजहें बदल गईं,

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"आँसू वही हैं..."

आँसू वही हैं, बस वजहें बदल गईं,
कभी यादों से टपकते थे,
अब हालातों से बहते हैं।
कभी प्यार की कसमों पर रोया था,
अब खुद से किए सवालों पर टूटते हैं।

वो बीते लम्हे अब भी दिल में ज़िंदा हैं,
पर उनकी गर्मी अब सुकून नहीं देती।
कभी किसी की हँसी में जिया करते थे,
अब ख़ुद की खामोशी से बातें होती हैं।

वक़्त ने चेहरा नहीं, एहसास बदल दिए,
जो कल समझते थे, आज सवाल बन गए।
दिल अब भी धड़कता है उसी तरह,
बस अब उसके लिए कोई वजह नहीं रही।

आँखें अब भी भीगती हैं हर शाम,
फर्क बस इतना है
पहले कोई पोंछता था,
अब सिर्फ तकिया ही समझता है।

रवानी सफ़र


 

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